Fajar नमाज-ऐ -फ़ज्र/फ़जर/फ़जिर
✦बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम✦
नमाजों की नियत तरीक़ा(अरैबिक और हिंदी मे)
नमाज-ऐ -फ़ज्र/फ़जर/फ़जिर
रकअतों नई संख्या - ४ (२ सुन्नत , २ फर्ज )
२ रकत सुन्नत नमाज़ की नीयत का तरीका
हिंदी में नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ फ़ज्र सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह त'आला के रुख मेरा का'अबा शरीफ की तरफ "अल्लाहु अकबर ".
अरेबिक में नवैतो अन ओसल्ली लिल्लाहि त'आला रकाती सलातिल फ़ज़र सुन्नत रसूलल्लाह मुतवज्जैहन इला जेहतिल काबतिश्शरीफते "अल्लाहु अकबर ".
२ रकत फर्ज नमाज़ की नीयत का तरीका
हिंदी में नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ फ़ज्र की फर्ज वास्ते अल्लाह त'आला के रुख मेरा का'अबा शरीफ की तरफ # "अल्लाहु अकबर ".
अरेबिक में नवैतो अन ओसल्ली लिल्लाहि त'आला रकाती सलातिल फ़ज़र फर्दउल्लाह मुतवज्जैहन इला जेहतिल काबतिश्शरीफते @"अल्लाहु अकबर ".
नोट - अगर नमाज़ जमात के साथ पढ़ रहे है इस पढ़े (हिंदी "#पीछे इस इमाम के") (अरेबिक "@ इक़तदायितो बी हाजल इमाम")
✦हदीस नबवी : जो फज्र की नमाज़ के बाद 10 बार इस अज़कार को पढ़ेगा तो उस दिन हर बुराई से मेहफ़ूज़ रहेगा✦
لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَحْدَهُ لاَ شَرِيكَ لَهُ لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ يُحْيِي وَيُمِيتُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
ला इलाहा इल्लल्लाह वह्दहू ला शारिका लहू, लहुल-मुल्क व लहुल-हम्द यही व युमीत, व हुवा अला कुल्ली शइन क़दिर
✦ तर्जुमाः अल्लाह के सिवा कोई सच्चा मअबूद नहीं है वो अकेला है और उसका कोई शरीक (साझां ) नहीं। उसी का बादशाही है और उसी की हम्द (स्तुति) है और वो क़ादिर मुतलक़ (सर्वशक्तिमान) है।
TARIKH / HAWALA
Waqt
Tarika
Dua
Salam
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