नात शरीफ़ हिन्दी में लिखा हुआ |

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जिसकी दरबार-ऐ-मुहम्मद में रसाई होगी || नात शरीफ || हिंदी में


 जिसकी दरबार-ऐ-मुहम्मद में रसाई होगी,

उसकी किस्मत पे फ़िदा सारी खुदाई होगी.


साँस लेता हु तो आती है महक तैबा की,

ये हवा कुच-ऐ -सरकार से आयी होगी.


चाँद कदमो पे गिरा उनका इशारा जो हुआ,

वो भी क्या वक़्त था जब ऊँगली उठायी होगी.


जिसकी दरबार-ऐ-मुहम्मद में रसाई होगी,

उसकी किस्मत पे फ़िदा सारी खुदाई होगी.


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