नात शरीफ़ हिन्दी में लिखा हुआ |

नातों का गुलदस्ता - यह ब्लॉग विशेष रूप से नात शरीफ पढ़ने के शौकीन के लिए बनाया गया है|

लमयाती नज़ीरों कफ़ी नज़रीं || हिंदी में




1. लमयाती नज़ीरों कफ़ी नज़रीं,  मिस्ले तू ना शुद पैदा जाना |
जग राज़ को ताज़ तोरे सर सो, हैं तुझ को शाहे दो सरा जाना |






2. आना फि अतशिव व सखा का आतम, अये गेसु ए पाक़ अये अब्र ए करम |
बरसन हारे रिमझिम रिमझिम, दो बूँद इधर भी गिरा जाना |



3. अल बहरों अला वल मव्जो तगा, मन बेकसों तूफां होश रुबा |
मँझधार में हु या रसूलल्लाह, 
मँझधार में हु बिगड़ी है हवा, मोरी नइया पार लगा जाना |


4. अर रूहों फ़िदा का फाज़िद हरका, यक शोला दिगर बरजन इश्क़ा |
मोरा तन मन्न धन सब फूँक दिया, यह जान भी पयारे जला जाना |



5. अल क़ल्बों शीजीवम वल हमो शुजुत, दिल दर चुना जान ज़ेर चुनो |
पट अपनी भी पट मैं कैसे कहुँ, मेरा कौन हैं तेरे सिवा जाना |



6.बस खामा ए खाम नवा ए रज़ा, ना येह तर्ज़ मेरी ना येह रंग मेरा |
इर्शाद ए अहिब्बा ना अतिक था, नाचार इस राह पर जाना |
मोरा जियरा लरजे धरक धरक, तैयबा से अभी ना सुना जाना |



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