नात शरीफ़ हिन्दी में लिखा हुआ |

नातों का गुलदस्ता - यह ब्लॉग विशेष रूप से नात शरीफ पढ़ने के शौकीन के लिए बनाया गया है|

तुम्हारा नाम मुसीबत में जब लिया होगा।


 तुम्हारा नाम मुसीबत में जब लिया होगा। 

हमारा बिगड़ा हुआ काम बन गया होगा।।  


गुनहगार पे जब लुत्फ़ आपका होगा। 

किया बगैर किया बे-किया किया होगा।। 


खुदा का लुत्फ़ हुआ होगा दस्तगीर ज़रूर। 

जो गिरते गिरते तेरा नाम ले लिया होगा।। 


दिखाई जाएगी महशर में शान-ऐ-मेहबूबी।

के आप ही की ख़ुशी आपका कहा होगा।। 


खुदा-ऐ-पाक की चाहेंगे अगले पिछले ख़ुशी। 

खुदा-ऐ-पाक ख़ुशी उनकी चाहता होगा।। 


किसी के पाँव की बेड़ी ये काटते होंगे। 

कोई असीर-ऐ-ग़म उनको पुकारता होगा।। 


किसी तरफ़ से सदा आएगी हुज़ूर आओ। 

नहीं तो दम में ग़रीबो का फैसला होगा।। 


किसी के पल्ले पे ये होंगे वक़्त-ऐ-वज़न-ऐ-अमल। 

कोई उम्मीद से मुँह उनका तक रहा होगा।।  


कोई कहेगा दुहाई है या रसूलल्लाह।

तो कोई थाम के दामन मचल गया होगा।। 


किसी को ले के चलेंगे फरिश्ते सुए जहन्नम। 

वह उनका रास्ता फिर-फिर के देखता होगा।।  


शिकस्त पा हूँ मेरे हाल की खबर कर दो। 

कोई किसी से रो-रो के कह रहा होगा।।


खुदा के वास्ते जल्द उनसे अर्ज़-ऐ-हाल करो। 

किसे खबर है के दम भर में हाय क्या होगा।। 


पकड़ के हाथ कोई हाल-ऐ-दिल सुनाएगा। 

तो रो के क़दमों से कोई लिपट गया होगा।। 


ज़बान सुखी दिखा कर कोई लबे ऐ कौसर। 

जनाब-ऐ-पाक के क़दमों पे गिर गया होगा।। 


निशाँ-ऐ-खुशरावे दी दूर की घुल मो के। 

लिवाये हम्द का परचम बता रहा होगा।। 


कोई क़रीब-ऐ-तराज़ू कोई लबे-ऐ-कौसर। 

कोई सिरात से उनको पुकारता होगा।। 


ये बेक़रार करेगी सदा ग़रीबो की। 

मुक़द्दस आँखों से तर अश्क़ का बांधा होगा।। 


वो पाक दिल के नहीं जिसको अपना अंदेशा। 

हुजूम-ऐ-फिक्र-ओ-तरद्दुद में गिर गया होगा।। 


हज़ार जान फ़िदा नरम-नरम पाव पे। 

पुकार सुन के असीरों की दौड़ता होगा।। 


अज़ीज़ बच्चे को माँ जिस तरह तलाश करें। 

खुदा गवाह वही हाल आपका होगा।। 


खुदाई भर इन्ही हाथों को देखता होगी। 

ज़माना भर इन्ही क़दमों पे लौटता होगा।। 


बनी है दम पे दुहाई है ताज वाले की। 

ये गुल ये शौर ये हंगामे जा-बा-जा  होगा।। 


मक़ाम फ़ासीलो पर काम मुख्तलिफ इतने। 

ये दीन ज़ुहूर-ऐ-कमाल-ऐ-हुज़ूर का होगा।। 


कहेंगे और नबी  "इज़ हबु इला गईरी "। 

मेरे हुज़ूर के लब  पर  "अना लाहा" होगा।।  


दुआ-ऐ-उम्मते बदकार विर्द-ऐ-लब होगी। 

खुदा के सामने सज्दे में सर  झुका होगा।। 


ग़ुलाम उनकी इनायत  से चैन में होंगे। 

अदु हुज़ूर का आफत में मुब्तला होगा।। 


मैं उनके दर का भिकारी हूँ फ़ज़ल-ऐ-मौला से। 

हसन फ़क़ीर का जन्नत में बिस्तर होगा।। 

Tumhara Naam Musibat Mein Jab Liya Hoga English Lyrics 


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